8.2.19

दामोदर महिला संगीत मे अल्पना-विनोद झाबुआ की यादगार प्रस्तुति

Gore Rang Pe Itna Gumaan Na Kar Lata Mangeshkar, Kishore Kumar गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर गोरा रंग दो दिन में ढल जायेगा गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर गोरा रंग दो दिन में ढल जायेगा मैं शमा हूँ तू है परवाना मैं शमा हूँ तू है परवाना मुझसे पहले तू जल जायेगा गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर गोरा रंग दो दिन में ढल जायेगा हो रूप मिट जाता है ये प्यार ऐ दिलदार नहीं मिटता हो, फूल मुरझाने से गुलज़ार ओ सरकार नहीं मिटता हो रूप मिट जाता है ये प्यार ऐ दिलदार नहीं मिटता क्या बात कही है होय तौबा क्या बात कही है ओये तौबा ये दिल बेईमान मचल जायेगा हो, गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर गोरा रंग दो दिन में ढल जायेगा हो, आपको है ऐसा इनकार तो ये प्यार यहीं छोड़ो हो, प्यार का मौसम है, बेकार की तकरार यहीं छोड़ो ओ, आपको है ऐसा इनकार तो ये प्यार यहीं छोड़ो हाथों मे हाथ ज़रा दे दो हाथों मे हाथ ज़रा दे दो बातों में वक्त निकल जायेगा मैं शमा हूँ तू है परवाना मुझसे पहले तू… अपूर्वा -विनीत गोयल के विवाहोत्सव पर आलोक सदन शामगढ़ पर आयोजित "दामोदर महिला संगीत" के अंतर्गत   अल्पना-विनोद चौहान झाबुआ की अप्रतिम प्रस्तुति.






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