सामाजिक गतिविधियों को सुचारू और संगठित रूप से संचालित करने के लिए समाज के जागरुक और निष्ठावान व्यक्तियों द्वारा संस्था या संगठन का निर्माण किया जाता है। इसी उद्देश्य से 14 जून 1965 को डॉ. दयाराम जी आलोक ने समाज जनों को एक अधिवेशन शामगढ़ नगर में पुरालाल जी राठौर के आवास पर आयोजित किया, जहां अखिल भारतीय दामोदर युवक संघ का गठन किया गया ¹।
इस अधिवेशन में 134 दर्जी बंधुओं ने भाग लिया और समाज सुधार और उत्थान विषयक कई प्रस्ताव पारित किए गए। युवक संघ के पदाधिकारियों में अध्यक्ष श्री रामचन्द्र जी सिसोदिया, संचालक श्री डॉ. दयाराम जी आलोक और कोषाध्यक्ष श्री सीताराम जी संतोषी शामिल थे ¹।
यह संगठन समाज के विकास और उत्थान के लिए कार्य करने के लिए बनाया गया था, जो कि सामाजिक संगठनों का मुख्य उद्देश्य होता है ¹। सामाजिक संगठन विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और समाज कल्याण।
दर्जी समाज में एक महत्वपूर्ण संगठन की स्थापना हुई थी, जिसने समाज के लिए कई गतिविधियों को संचालित किया। यह संगठन "अखिल भारतीय दामोदर दरजी महासंघ" के नाम से जाना जाता है, जिसकी शुरुआत युवक संघ के रूप में हुई थी।
डॉ. दयाराम जी आलोक ने 15 मई 1966 को दर्जी समाज के वरिष्ठ सदस्यों को दर्जी मंदिर में बुलाकर मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा के बारे में चर्चा की। इस चर्चा के बाद, दर्जी समाज के सदस्यों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्य दर्जी महासंघ को सौंप दिया
दर्जी महासंघ के प्रयासों से 23 जून 1965 को सत्य नारायण दर्जी मंदिर का भव्य प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित हुआ, जिसमें दर्जी समाज के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर भाग लिया। इस दिन को दर्जी समाज के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन के रूप में याद किया जाता है ¹।
यह संगठन दर्जी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी गतिविधियों ने समाज के विकास में योगदान दिया है।
दर्जी महासंघ ने समाज में सामाजिक गतिविधियों के केंद्र में रहने के लिए निरंतर प्रयास किया। उन्होंने हर साल अधिवेशन आयोजित किया, जिसमें दर्जी समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 1969 में, शामगढ़ में आलोक सदन में पांचवां अधिवेशन हुआ ¹।
समाज में बदलाव लाना आसान नहीं है, खासकर जब रूढ़िवादी लोग सामाजिक सुधारों का विरोध करते हैं। डॉ. दयाराम आलोकजी ने दर्जी समाज के लोगों को संगठित किया और सामूहिक विवाह की अवधारणा को लागू करने का फैसला किया। इससे समाज की आर्थिक उन्नति में मदद मिली।
11 मई 1981 को, रामपुरा नगर में दर्जी समाज का पहला सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। यह दामोदर दर्जी महासंघ की एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसने मंदसौर जिले में पहला सम्मेलन करने का गौरव हासिल किया। इसे दर्जी समाज के इतिहास में एक स्वर्णिम दिवस कहा जाता है
ज्ञातव्य है कि दामोदर दर्जी महासंघ के नेतृत्व मे 9 सफल सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुए हैं|
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यूट्यूब विडिओ की प्लेलिस्ट -
**भजन, कथा ,कीर्तन के विडिओ
*दामोदर दर्जी समाज महासंघ आयोजित सामूहिक विवाह के विडिओ
*मंदिरों की बेहतरी हेतु डॉ आलोक का समर्पण भाग 1:-दूधाखेडी गांगासा,रामदेव निपानिया,कालेश्वर बनजारी,पंचमुखी व नवदुर्गा चंद्वासा ,भेरूजी हतई,खंडेराव आगर
*मंदिरों की बेहतरी हेतु डॉ आलोक का समर्पण भाग 1:-दूधाखेडी गांगासा,रामदेव निपानिया,कालेश्वर बनजारी,पंचमुखी व नवदुर्गा चंद्वासा ,भेरूजी हतई,खंडेराव आगर
*मंदिरों की बेहतरी के लिए डॉ आलोक का समर्पण खण्ड 7 गायत्री शक्ति पीठ खड़ावदा(मंदसौर),शिव हनुमान मंदिर लुका का खेडा,कायावर्नेश्वर महादेव मंदिर क्यासरा -डग,बैजनाथ शिवालयआगर-मालवा,हनुमान बगीची सुनेल,मोडी माताजी का मंदिर सीतामऊ,गायत्री शक्ति पीठ शामगढ़
*जाति इतिहास : Dr.Aalok भाग २ :-कायस्थ ,खत्री ,रेबारी ,इदरीसी,गायरी,नाई,जैन ,बागरी ,आदिवासी ,भूमिहार
*मनोरंजन ,कॉमेडी के विडिओ की प्ले लिस्ट
*जाति इतिहास:Dr.Aalok: part 5:-जाट,सुतार ,कुम्हार,कोली ,नोनिया,गुर्जर,भील,बेलदार
*जाति इतिहास:Dr.Aalok भाग 4 :-सौंधीया राजपूत ,सुनार ,माली ,ढोली, दर्जी ,पाटीदार ,लोहार,मोची,कुरेशी
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*दर्जी समाज के मार्गदर्शक :जीवन गाथा
*मुक्ति धाम अंत्येष्टि स्थलों की बेहतरी हेतु डॉ.आलोक का समर्पण खण्ड १ :-सीतामऊ,नाहर गढ़,डग,मिश्रोली ,मल्हारगढ़ ,नारायण गढ़
*मुक्ति धाम अंत्येष्टि स्थलों की बेहतरी हेतु डॉ.आलोक का समर्पण खण्ड १ :-सीतामऊ,नाहर गढ़,डग,मिश्रोली ,मल्हारगढ़ ,नारायण गढ़
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