आदरणीय दामोदर वंशीय नये गुजराती दर्जी बंधुओं,
विदित हो कि अखिल भारतीय दामोदर दर्जी महासंघ का गठन डॉ. दयाराम आलोक के नेतृत्व में सन 1965 ई. में राठौर भवन शामगढ़ में सम्पूर्ण दर्जी समाज के आमंत्रित दर्जी बंधुओं की बैठक में किया गया था|
इस बैठक में संघ के पदाधिकारियों का सर्वानुमति से निर्वाचन किया गया | संघ का संविधान डॉ. दयाराम आलोक द्वारा लिखा गया जिसमें जरूरी संशोधन स्वर्गीय डॉ..लक्ष्मी नारायण जी अलोकिक द्वारा किये गए| संविधान छपवाकर उसकी प्रतिया. समाज में वितरित की ग्र्ईं| अपने शैशव काल में यह संस्था "दामोदर युवक संघ' के नाम से जानी जाती थी| सन १९८० में "दामोदर दर्जी युवक संघ" का टाईटल "अखिल भारतीय दामोदर दर्जी संघ " किया गया |
गठन के बाद से ही महासंघ सामाजिक कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करने में जुट गया | इस संस्था ने १९६६ में दर्जी समाज के डग स्थित मंदिर में मूर्ती स्थापना याने उद्द्यापन का कार्य डग के दर्जी बंधुओं द्वारा डॉ. आलोक को यह कार्य लिखित प्रस्ताव दर्जी समाज की विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेब साईट -Dr.Dayaram Aalok,M.A.,Ayurved Ratna,D.I.Hom(London) अध्यक्ष: अ.भा.दामोदर दर्जी महासंघ, पता-14,जवाहर मार्ग,शामगढ:99265-24852
17.2.15
दामोदर दर्जी महासंघ को हाई जेक करने का षड़यंत्र!// Conspiracy to High Jake! Damodar Darji Mahasangha
के माध्यम से सुपर्द करने के बाद संपन्न किया|| दर्जी बंधुओं से चन्दा युवक संघ की रसीदों पर एकत्र किया गया था|
दामोदर युवक संघ की रसीद बुकों पर एकत्रित की गयी राशि श्री कन्हैया लाल जी टेलर डग को उद्यापन अनुष्ठान और सामाजिक भोज के लिए दी गयी थी|
संघ के संविधान के मुताबिक़ संघ संचालन की अधिकाँश शक्तियां संचालक याने डायरेक्टर में निहित हैं| कोइ भी खर्च करने से पहिले संचालक अध्यक्ष से अनुमति लेता है| खर्च का अधिकार सिर्फ संचालक को ही है| कोषाध्यक्ष का काम संघ के कोष का हिसाब रखने और समय समय पर हिसाब संचालक और अध्यक्ष को देना है|
संघ के प्रथम अधिवेशन १९६४ में निम्न व्यक्तियों को सर्वानुमति से निर्वाचित किया गया |
१) अध्यक्ष - स्वर्गीय श्री राम चंद्र जी सिसोदिया शामगढ
२) संचालक : डॉ.दयाराम जी आलोक शामगढ़
३) श्री प्रभुलाल जी सोलंकी शामगढ
३) कोषाध्यक्ष: श्री सीताराम जी संतोषी शामगढ़
महासंघ के बेनर तले सामूहिक विवाह का श्री गणेश सन 1981 में रामपुरा नगर में किया गया |
दूसरा सम्मलेन भी रामपुरा में 1983 में किया गया |
दामोदर दर्जी महासंघ के बेनर तले तीसरा सामूहिक विवाह सम्मलेन शामगढ़ नगर में 1991 में आयोजित किया गया | सम्मलेन अध्यक्ष श्री भेरूलाल जी राठौर थे|
इसके बाद दामोदर दर्जी महासंघ का चौथा और सकल समाज का नवां सम्मलेन डॉ. दयाराम जी आलोक की अध्यक्षता में बोलिया नगर में 2006 में आयोजित किया गया| सन २००८ में बोलया में पांचवा सामूहिक विवाह भी डॉ दयारामजी आलोक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ|
सन 2010 में डॉ.दयाराम जी आलोक ने स्ववित्त पोषित निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन बोलिया ग्राम मे आयोजित किया | इस सम्मलेन का कुल खर्च तीन लाख पचास हजार रूपये हुआ था|
सम्मलेन की शृंखला को विस्तार देते हुए दामोदर दर्जी महा संघ ने शामगढ़ नगर में सन २०१२ और २०१४ में सातवा और आठवाँ सामूहिक विवाह सम्मलेन आयोजित किये|
१) अध्यक्ष - स्वर्गीय श्री राम चंद्र जी सिसोदिया शामगढ
२) संचालक : डॉ.दयाराम जी आलोक शामगढ़
३) श्री प्रभुलाल जी सोलंकी शामगढ
३) कोषाध्यक्ष: श्री सीताराम जी संतोषी शामगढ़
दूसरा सम्मलेन भी रामपुरा में 1983 में किया गया |
दामोदर दर्जी महासंघ के बेनर तले तीसरा सामूहिक विवाह सम्मलेन शामगढ़ नगर में 1991 में आयोजित किया गया | सम्मलेन अध्यक्ष श्री भेरूलाल जी राठौर थे|
इसके बाद दामोदर दर्जी महासंघ का चौथा और सकल समाज का नवां सम्मलेन डॉ. दयाराम जी आलोक की अध्यक्षता में बोलिया नगर में 2006 में आयोजित किया गया| सन २००८ में बोलया में पांचवा सामूहिक विवाह भी डॉ दयारामजी आलोक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ|
सन 2010 में डॉ.दयाराम जी आलोक ने स्ववित्त पोषित निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन बोलिया ग्राम मे आयोजित किया | इस सम्मलेन का कुल खर्च तीन लाख पचास हजार रूपये हुआ था|
सम्मलेन की शृंखला को विस्तार देते हुए दामोदर दर्जी महा संघ ने शामगढ़ नगर में सन २०१२ और २०१४ में सातवा और आठवाँ सामूहिक विवाह सम्मलेन आयोजित किये|
सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित व्यक्तित्व श्री रमेश चंद्र जी आशुतोष राठौर ने दर्जी समाज के परिवारों की जानकारी एकत्र कर ,संपादन कर तीन महत्त्व पूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित किये| तीसरा ग्रन्थ " समाज-सेतु २०१४ " नाम से दामोदर दर्जी महासंघ के जवाहर मार्ग स्थित कार्यालय शामगढ़ से प्रकाशित किया गया|
दामोदर दर्जी महासंघ की समाज हितैषी उपलब्धियों के प्रति समाज का एक ईर्ष्यालू समूह नकारात्मक सोच रखने लगा| | बाबा बवंडर नाथ इस प्रतिगामी गुट की अगुआई कर रहे हैं| ये लोग महासंघ की तर्ज पर अलग से कोइ नया संगठन बनाकर काम करने का सामर्थ्य तो रखते नहीं | इसलिये ५० वर्षों से निरंतर समाज सेवा में तत्पर दामोदर दर्जी महासंघ को ही हाई जेक करने के लिए पेपर बाजी कर रहे हैं| उन्हें समझना होगा कि हवा बाजी और पेपर बाजी से संगठन नहीं चला करते | समाज के प्रति त्याग और समर्पण की भावना जरूरी है|
दामोदर दर्जी महासंघ की समाज हितैषी उपलब्धियों के प्रति समाज का एक ईर्ष्यालू समूह नकारात्मक सोच रखने लगा| | बाबा बवंडर नाथ इस प्रतिगामी गुट की अगुआई कर रहे हैं| ये लोग महासंघ की तर्ज पर अलग से कोइ नया संगठन बनाकर काम करने का सामर्थ्य तो रखते नहीं | इसलिये ५० वर्षों से निरंतर समाज सेवा में तत्पर दामोदर दर्जी महासंघ को ही हाई जेक करने के लिए पेपर बाजी कर रहे हैं| उन्हें समझना होगा कि हवा बाजी और पेपर बाजी से संगठन नहीं चला करते | समाज के प्रति त्याग और समर्पण की भावना जरूरी है|
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