तेरे मस्त-मस्त दो नैन, मेरे दिल का ले गये चैन
मेरे दिल का ले गये चैन, तेरे मस्त मस्त दो नैन
पहले-पहल तुझे देखा तो दिल मेरा
धड़का हाय धड़का, धड़का हाय
जल-जल उठा हूँ मैं, शोला जो प्यार का
भड़का हाय भड़का, भड़का हाय
नींदों में घुल गये हैं सपने जो तेरे
बदले से लग रहे हैं अंदाज़ मेरे
तेरे मस्त मस्त...
माही बेआब सा दिल ये बेताब सा
तड़पा जाए तड़पा, तड़पा जाए
नैनों की झील में उतरा था यूँ ही दिल
डूबा जाए डूबा, डूबा जाए
होश-ओ-हवास अब तो खोने लगे हैं
हम भी दिवाने तेरे होने लगे हैं
तेरे मस्त मस्त...
आर्टिस्ट खुशबू एण्ड आशीष चौहान(नारी परिधान) द्वारा पूराबा के परिवार मे शादी के मौके पर आयोजित महिला संगीत मे एक अनुपम प्रस्तुति