https://youtu.be/iJnZ0n7r6vA
नये गुजराती दर्जी समाज की वो संस्था जो 1965 से समाज के लिए विविध कार्य करती आ रही है। इसकी स्थापना 1965 में आदरणीय दयारामजी आलोक शामगढ़ ने की और इसका संविधान लिखा तथा संविधान मे जरूरी संशोधन डॉ.लक्ष्मी नारायण जी अलौकिक द्वारा किए गए |
*महासंघ के झंडे तले दर्जी समाज का सर्व प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन 1981 में रामपुरा में हुआ था । जो मन्दसौर जिले में किसी भी समाज का पहला सम्मेलन था । उसके बाद 1983 में रामपुरा दर्जी समाज ने महासंघ के तत्वावधान में समाज का दूसरा सफल सम्मेलन आयोजित कर अपनी लोकप्रियता बनाई।इसी प्रकार 1990 में शामगढ़ , 2006 ,2008 , 2010 में बोलिया में महासंघ द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन डा. आलोक साहेब के अध्यक्षता में संम्पन्न हुए ।ज्ञातव्य हो की 2010 वाला सामूहिक विवाह सम्मेलन नया गुजराती दर्जी समाज का प्रथम निशुल्क विवाह आयोजन था जिसका सम्पूर्ण खर्च डा. आलोक सा. ने वहन किया था ।
शामगढ़ में महासंघ के तत्वावधान में 2012 ,2014 व 2017 में ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित कर दर्जी समाज को गौरवान्वित किया है । महासंघ की कार्य पद्धति से प्रभावित होकर अब समाज में महासंघ द्वारा आयोजित सम्मेलन के प्रति अटूट आस्था बन चुकी है।
नये गुजराती दर्जी समाज की वो संस्था जो 1965 से समाज के लिए विविध कार्य करती आ रही है। इसकी स्थापना 1965 में आदरणीय दयारामजी आलोक शामगढ़ ने की और इसका संविधान लिखा तथा संविधान मे जरूरी संशोधन डॉ.लक्ष्मी नारायण जी अलौकिक द्वारा किए गए |
*महासंघ के झंडे तले दर्जी समाज का सर्व प्रथम सामूहिक विवाह सम्मेलन 1981 में रामपुरा में हुआ था । जो मन्दसौर जिले में किसी भी समाज का पहला सम्मेलन था । उसके बाद 1983 में रामपुरा दर्जी समाज ने महासंघ के तत्वावधान में समाज का दूसरा सफल सम्मेलन आयोजित कर अपनी लोकप्रियता बनाई।इसी प्रकार 1990 में शामगढ़ , 2006 ,2008 , 2010 में बोलिया में महासंघ द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन डा. आलोक साहेब के अध्यक्षता में संम्पन्न हुए ।ज्ञातव्य हो की 2010 वाला सामूहिक विवाह सम्मेलन नया गुजराती दर्जी समाज का प्रथम निशुल्क विवाह आयोजन था जिसका सम्पूर्ण खर्च डा. आलोक सा. ने वहन किया था ।
शामगढ़ में महासंघ के तत्वावधान में 2012 ,2014 व 2017 में ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित कर दर्जी समाज को गौरवान्वित किया है । महासंघ की कार्य पद्धति से प्रभावित होकर अब समाज में महासंघ द्वारा आयोजित सम्मेलन के प्रति अटूट आस्था बन चुकी है।
दामोदर दर्जी महासंघ की विशेषता -
अखिल भारतीय दामोदर दर्जी महासंघ की सबसे ,बड़ी व अच्छी विशेषता यह रही है कि अपने आयोजन को मितव्ययता से आयोजित करना , आना पाई का हिसाब बनाकर आय व्यय का लेखा समाज बीच रखकर बचत राशि को विवाह पक्षों में बांटना रहा है।*
अखिल भारतीय दामोदर दर्जी महासंघ की सबसे ,बड़ी व अच्छी विशेषता यह रही है कि अपने आयोजन को मितव्ययता से आयोजित करना , आना पाई का हिसाब बनाकर आय व्यय का लेखा समाज बीच रखकर बचत राशि को विवाह पक्षों में बांटना रहा है।*
*रमेश राठौर "आशुतोष"* की कलम से.....✒
जय दामोदर*************
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जय दामोदर*************
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